एक बाबा रहा करते थे जिसका राजघराना मुग़ल के जैसा था I बाबा बहुत ही ईमानदार और खुदा के प्यारे बन्दे थे I किसी की भी मुरादें पूरा कर देते थे I बाबा इतने मशहूर हो गए कि लोग उनके रहन सहन को देखते तो मुग़ल काल के जैसा मालूम होता था I किसी को जब भी बाबा के बारे में जानकारी लेनी होती तो लोग बाबा का नाम नही लेते और ऐसे भी बाबा का नाम किसी को पता नही था मैं लास्ट में बता दूंगा I वहां के लोग ये कह कर बताते थे के जो उस जगह जहाँ मुग़ल के जैसा रहने वाला बाबा है वहीँ जाना है I तभी से सभी लोग मुग़ल के नाम के जानने लगे I उसी के बगल में बुंदेलों का बहुत बड़ा जमीन था उसका जमींदार बहुत ईमानदार था वो बाबा से बहुत लगाव रखते थे
जब बाबा का देहांत हुआ तो वो जमींदार उस जमीन को बाबा के नाम पर दान कर दिया I चूँकि उस बाबा के आसपास बहुत सारे मुसलमान समुदाय के लोग बस गए थे I तो लोगों ने उस जगह को कब्रिस्तान के रूप में तब्दील कर दिया I ये कब्रिस्तान इस्तना बड़ा है कि इसमें लगभग दस मोहल्ले के लोग अपने शव को दफनाते हैं I इसी सिलसिले में लोग उस कब्रिस्तान को मोग्लाखर के कब्रिस्तान के नाम से जाने जाना लगा I इसी कब्रिस्तान में उस बाबा का मजार आज भी मोग्लाखार कब्रिस्तान में मौजूद है I आज भी जब लोगों को बाबा के मजार कि ज्यारत करना होता है तो लोगों से पूछता है के दरया शहीद बाबा का मजार कहाँ है तो लोग कहते है के मोग्लाखार के कब्रिस्तान में ही उनका मज़ार है I
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